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The working system of the Civil Surgeon and CMHO is under suspicion regarding Dr. Bagde

The working system of the Civil Surgeon and CMHO is under suspicion regarding Dr. Bagde

डॉ बागड़े को लेकर सिविल सर्जन एवं सीएमएचओ की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में

धार। फर्जी क्लीनिक एवं अवैध हॉस्पिटल के संचालक सरकारी डॉक्टर नीरज बागडे नहीं मानते सरकारी आदेश को। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन के द्वारा जारी आदेश पत्र क्रमांक 2024/7253 में स्पष्ट वर्णित है कि डॉक्टर नीरज बागडे अपने कार्य स्थल पर अनुपस्थित है।

इसका मतलब साफ है की नीरज बागड़े ने सिर्फ प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए झूठा त्यागपत्र दिया था। जबकि 6 महापूर्व 15/06/2024 को डॉक्टर नीरज बागडे ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर अपने कार्य स्थल पर उपस्थिति दर्ज करवाई थी। उसके बाद से आज दिनांक तक सरकारी डॉक्टर नीरज बागडे अनुपस्थित चल रहे हैं।

सिविल सर्जन एवं सीएमएचओ की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में —

विगत वर्ष 2023 में पाटीदार चिकित्सालय में एक महिला की प्रसव के दौरान मौत होने के बाद डॉक्टर नीरज बागडे की कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। आपको बता दे की उस वक्त डॉक्टर नीरज बागडे शासकीय चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं जिला चिकित्सालय में दे रहे थे। उसके बावजूद जिला चिकित्सालय सिविल सर्जन एवं मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा डॉक्टर नीरज बागडे पर कोई कार्यवाही नहीं की जाना उनकी कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा करती है, या फिर वह लोग डॉक्टर नीरज बागडे पर आव-भाव प्रभाव के चलते कार्यवाही ही नहीं करना चाहते थे।

इसके पहले एक और प्रकरण हुआ था जिसमें सत्यसाई हॉस्पिटल में एक महिला की डिलीवरी के लिए उस जिला चिकित्सालय से छुट्टी करवा कर भर्ती करवाया गया था। तब भी डॉक्टर नीरज बागडे शासकीय चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं जिला चिकित्सालय में दे रहे थे। उस प्रकरण में भी जयस के द्वारा हंगामा करके कोतवाली थाने पर एक एफआईआर दर्ज करवाते हुए नीरज बागडे के छोटे भाई अभिमन्यु बागडे को जेल भिजवाया था। बावजूद इसके सिविल सर्जन एवं सीएमएचओ कार्यालय से नीरज बागडे पर कार्यवाही नहीं होना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के सुस्त रवैये का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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