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खनिज निरीक्षक के बिगड़े बोल, कवरेज करने गए पत्रकारों को धमकाते हुए कहा-लिमिट में रहो… वरना पुलिस केस करवा दूंगी !

अभद्र व्यवहार से पत्रकारों में रोष, गुलाना पत्रकार संघ ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

शाजापुर। (पंकज राठौर) अकोदिया मंडी में मंगलवार को जिले के खनिज निरीक्षक के बोल बिगड़ गए और उन्होंने कवरेज कर रहे पत्रकारों को उंगली दिखाते हुए बोला की लिमिट में रहो वरना शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस बनाकर अंदर करवा दूंगी।

मामला गुलाना तहसील के सलसलाई का है, जहां पत्रकार और जिला खनिज इंस्पेक्टर कामना गौतम के बीच बहस हो गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। मामला उस वक्त गंभीर हो गया जब खनिज इंस्पेक्टर ने एक ओवरलोड डंपर को पड़कर सलसलाई थाने मैं खड़ा किया।

कवरेज करने पहुंचे पत्रकार आनंद मेवाड़ा के साथ कुछ अन्य पत्रकारों ने डंपर के वीडियो फोटो बनाना शुरू कर दिए। यह देख निजी वाहन में सवार खनिज इंस्पेक्टर कवरेज कर रहे पत्रकारों के ऊपर भड़क गई। बौखलाहट में वीडियो फोटो बंद करने के लिए दबाव बनाने के प्रयास करने लगी। पत्रकारों के साथ किए गए अभद्र व्यवहार का वीडियो जब तेजी से वायरल हुआ तो मामला तुल पड़ गया। देखते ही देखते गुलाना पत्रकार संघ से जुड़े पत्रकार घटना से आकर्षित होकर गुलाना तहसील पहुंचे यहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार जीवन मोघी को सौंपा
ज्ञापन। ज्ञापन में खनिज स्पेक्टर के अभद्र व्यवहार का विरोध करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की गई।

Mineral inspector's bad words, threat of police case to journalist

इस मौके पर अमर सिंह मेवाडा, आनंद मेवाड़ा, किशोर राजगुरु, प्रेम साहू, दीवान मेवाड़ा, मनोज राजपूत, सलीम शेख, पंकज राठौर, संजय नागर, सुनील गोयल, गोविंद योगी, रोशन मेवाड़ा, राजेंद्र गुजराती, दिनेश जायसवाल सहित कई पत्रकार साथी मौजूद रहे।

मामले की जांच होगी —

मामले में जिला खनिज अधिकारी आरिफ खान का कहना है कि, जब भी ऐसी कोई सूचना मिलती है। तो विभाग की जगह किसी गाड़ी को ले जा सकते हैं वहीं पत्रकार से अभद्रता को लेकर आपसे जानकारी मिली है, वही खनिज इंस्पेक्टर से बात करता हूं।

वहीं मामले में पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष मनोज जैन का कहना है कि ऐसी हरकतें लगातार अधिकारी पत्रकारो के साथ कर रहे हैं। जहां समय रहते जिम्मेदारो ने इन पर अंकुश नहीं लगाया तो पूरे जिले में संगठन को सड़क पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा। जरूरत पड़े तो पूरा प्रदेश में यही स्थिति रहेगी। इसकी संपूर्ण जवाबदारी प्रशासन की रहेगी।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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