समय पर नहीं पहुंची एंबुलेंस, ठेले-लोडिंग वाहन से प्रसूता और नवजात को पहुंचाया अस्पताल।
देवास। शासन व स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयायों के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों व स्वजन की दिक्कतें दूर नहीं हो रही हैं। खातेगांव में समय पर 108 एंबुलेंस नहीं आने से पहले गर्भवती का प्रसव आसपास की महिलाओं के सहयोग से घर ही करवाना पड़ा।
प्रसव के बाद में महिला व नवजात को लेकर स्वजन ठेले से ही रवाना हो गए। रास्ते में लोडिंग वाहन चालक ने मदद की और अपने वाहन से सरकारी अस्पताल तक पहुंचाया, जहां उपचार शुरू किया गया। जच्चा-बच्चा दोनों की हालत सामान्य है।
नहीं पहुंची एंबुलेंस —
खातेगांव के वार्ड नंबर-छह के निवासी अर्जुन मेहंदिया श्रमिक हैं। उनकी पत्नी गयाबाई को सोमवार को प्रसव पीड़ा होने पर 108 एंबुलेंस को काल किया गया। वहां से बताया गया कि थोड़ी देर में एंबुलेंस पहुंच जाएगी लेकिन करीब आधा घंटे का समय बीत गया लेकिन एंबुलेंस नहीं आ पाई।
घर पर कराना पड़ा प्रसव —
इसके बाद प्रसव पीड़ा बढ़ने पर गयाबाई की सास और मोहल्ले की बुजुर्ग महिलाओं ने घर पर प्रसव कराया। गयाबाई ने बालिका को जन्म दिया। काफी देर के इंतजार के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई तो अर्जुन ने हाथ ठेले पर पत्नी गयाबाई और नवजात को बैठाया और अस्पताल के लिए रवाना हो गए।
लोडिंग वाहन, ठेले से गए अस्पताल —
इसी बीच रास्ते में लोडिंग वाहन चालक को घटनाक्रम के बारे में पता चला तो उसने अपने वाहन में प्रसूता, नवजात बच्ची और स्वजन को बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। यहां दोनों को भर्ती कर स्वास्थ्य परीक्षण करके उपचार शुरू किया गया।
अर्जुन ने बताया कि पूर्व में सोनोग्राफी करवाई गई थी तो उसमें जनवरी के अंतिम दिनों या फरवरी की शुरुआत में प्रसव होने की संभावना बताई गई थी, लेकिन सोमवार को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।
इसके बाद एंबुलेंस को बुलाया गया था। आधे घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं आई। दर्द ज्यादा बढ़ जाने के कारण मेरी मां सहित मोहल्ले की अन्य महिलाओं ने घर पर प्रसव कराया।
खातेगांव के प्रभारी बीएमओ डा. आशुतोष व्यास ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से सूचना मिलने के बाद स्थानीय एंबुलेंस भेजी गई थी लेकिन तब तक परिवार अस्पताल परिसर पहुंच चुका था। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
— नईदुनिया।
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