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अपनों पे सितम गैरों पे करम, हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम है यह चरितार्थ होता है जोबट चुनाव परिदृश्य में

धार। (मुकेश राठौर) वैसे तो वर्तमान चुनाव में कई परिदृश्य देखने को मिल रहे हैं, कहीं अपनों को मनाने में लगे हैं कहीं रूटों को मनाने का खेल अभी जारी है, पर वर्तमान परिस्थितियों में देखे तो पार्टी अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़कर, निर्दलीय उम्मीदवार को साथ देकर पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित किया है।

वही देखने वाली बात यह है कि इसमें भी पार्टी कार्यकर्ताओ में भेदभाव किया जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस की तरफ से जोबट विधानसभा उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने पर भाई-बहन सुरपाल अजनार, हजरी अजनार को 6 साल के लिए पार्टी ने निष्कासित किया है। वही भाजपा की ओर से आजाद नगर (भाभरा) नगर पालिका की अध्यक्ष श्रीमति निर्मला माधव सिंह डावर को 6 साल के लिए निष्कासित किया है। वही माधव सिंह डावर जो वर्तमान में निर्दलीय उम्मीदवार है बीजेपी की तरफ से बगावत कर चुनाव लड़ रहे हैं उनके सपोर्ट में जिले के पूर्व पदाधिकारी साथ दे रहे हैं। वहीं जोबट नगर पालिका के भाजपा अध्यक्ष राहुल मोहनीया, पार्षद पति सन्दीप जैन, ऐसे कई पार्टी कार्यकर्ता है जो विशाल रावत के खिलाफ जाकर पार्टी विरोधी कार्य कर रहे हैं।

ऐसे लोगों पर कार्रवाई न होना या मेहरबान होना संगठन के लिए कितना घातक होगा यह विशाल रावत भाजपा उम्मीदवार के लिए चिंता का विषय होगा। समय रहते विश्वास घाती लोगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो यह लोग नासूर बन जाएंगे भाजपा के लिए वही एक बात यह कहना जरूरी होगी कि माधव सिंह दादा निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में बीजेपी का एक बड़ा धड़ा जो खुलकर काम कर रहा है वह सब कहीं ना कहीं अपने बड़े व्यापारी लाइनों में से है जो माधव सिंह जी को सपोर्ट कर रहे हैं वह कहीं ना कहीं बिजनेस लाइन से उनसे लाभ लेते रहे और उनकी मनसा भी यही है की अगर माधव सिंह डाबर जीते हैं तो भविष्य में उनकी दुकानदारी चलती रहेगी।

प्रधान संपादक- कमलगिरी गोस्वामी

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