कुशवाह समाज द्वारा लव कुश जयंती पर नगर में ऐतिहासिक चल समारोह निकाला गया।
बैंड-बाजे, ढोल-ढमाको के साथ मातृशक्ति भी हुई शामिल, जगह जगह विभिन्न मंचों से हुआ भव्य स्वागत।
धार। (अशोक राठौर) सनातन संस्कृति के संवाहक सभी के आराध्याय भगवान श्री राम के वीर तेजस्वी पुत्र लव एवं कुश भगवान के आदर्श को सवरक्षित करने हेतु सनातन संस्कृति के संगठन के लिए लवकुश जयंती का आयोजन प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी धार जिले के नालछा में कुशवाह समाज द्वारा आयोजित किया गया। आयोजन के दौरान ऐतिहासिक शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा में बड़ी संख्या में मातृशक्ति शामिल हुई वहीं अलग-अलग, साज-सज्जा भी आकर्षण का केंद्र भी रहे।
विभिन्न मंचों के माध्यम से चल समारोह का स्वागत किया गया, परंपरा अनुसार आयोजन के 1 दिन पूर्व सोमेश्वर महादेव मंदिर में 24 घंटे के अखंड भजन पाठ का प्रारंभ किया गया। रविवार को कुशवाह समाज धर्मशाला से बैंड बाजों के साथ चल समारोह की शुरुआत हुई। जिसमे बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए। भादो की वर्षा ने भी उत्साह को और अधिक बढ़ा दिया।
चल समारोह में भगवा साफा पहनकर ड्रेस कोड में बड़ी संख्या में मात्र शक्तिया शामिल हुई। जिससे पूरा वातावरण भगवामय हो गया था। मात्र शक्तियों द्वारा अलग-अलग गरबा नृत्य की प्रस्तुतिया भी दी गई।
चल समारोह में इंदौर के प्रसिद्ध ढोल का दल विषेस आकर्षण का केंद्र रहा। इसमें मुख्य रूप से 40 ढोल शामिल हुए थे। जिसमें महिलाओं द्वारा बड़े ही आकर्षक तरीके से ढोल की प्रस्तुति दी गई। चल समारोह में रथ के ऊपर भगवान लव कुश की प्रतिमा विराजित कर झांकी बनाई गई थी। साथ ही चल समारोह के आगे अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को लव कुश द्वारा पकड़ कर बड़े ही मनमोहक तरीके से चल रहे थे। वहीं चल समारोह में हिंदुत्व को लेकर एक बहुत ही सुंदर संदेश दिया गया था। जिसमें स्लोगन के रूप में लिखा गया था सबसे पहले हिंदू फिर कुशवाहा बंधु स्लोगन की काफी सराहना की गई।
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