शुक्रवार की नमाज के दिन से सर्वे की शुरुआत, परिसर के पास कड़ी सुरक्षा, कैमरे और मेटल डिटेक्टर से नजर राखी जा रही।
धार। शुक्रवार सुबह दिल्ली और भोपाल से धार पहुंची ASI की टीम ने सर्वे के लिए तकनीकी उपकरणों के साथ भोजशाला में प्रवेश किया। इस दौरान परिसर के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजामात किए गए। गेट पर मेटल डिटेक्टर भी लगाया गया।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने शुक्रवार से धार स्थित भोजशाला मंदिर का सर्वे शुरू किया। भोजशाला में सरस्वती मंदिर है या कमाल मौलाना मस्जिद? इसका फैसला करने के लिए भोजशाला का पुरातात्विक और वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर टीम सबूत जुटाएगी।
नमाज से पहले बहुत साल के बाहर आई टीम —
शुक्रवार के दिन आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के द्वारा किए जा रहे सर्वे के दौरान जब मुस्लिम समुदाय के लोग शुक्रवार की नमाज के लिए भोजशाला पहुंचे, तब सर्वे कर रही टीम को बाहर निकलना पड़ा। टीम के बाहर निकलने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने शुक्रवार की नमाज पढ़ी।
आपको बता दे की मुस्लिम समुदाय के लोग 2003 से शुक्रवार के दिन भोजशाला में नमाज पड़ते है। जिसको लेकर किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कड़ी सुरक्षा इंतजाम किए है।
आपको बता दें कि Archaeological Survey of India के द्वारा जारी आदेश के अनुसार धार की भोजशाला में मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदुओं के लिए प्रवेश की अनुमति होती है। इसके अलावा शुक्रवार दोपहर एक बजे से 3 बजे तक मुस्लिम समाज के लोगो को अंदर घुसने की इजाजत होती है। सप्ताह के बाकी दिन सभी से शुक्ल लिया जाता है। सूर्यादय से सूर्यास्त तक भोजशाला प्रतिदिन खुली रहती है। प्रवेश के लिए एक रुपए एंट्री फीस चुकानी होती है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी Archaeological Survey of India की 12 सदस्यीय टीम ने मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल धार जिले में स्थित विवादास्पद भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण शुक्रवार को प्रारम्भ कर दिया है।
ASI टीम के साथ स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को धार जिले के भोजशाला परिसर का छह सप्ताह के भीतर वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था।
हिंदू पक्ष के वकील श्री दुबे ने बताया कि अभी चार याचिकाएं चल रही हैं। सर्वे आज सुबह 6 बजे शुरू हुआ है। रिपोर्ट जल्द ही कोर्ट को सौंपी जाएगी।
एएसआई के संरक्षित ऐतिहासिक भोजशाला परिसर को हिन्दू वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला की मस्जिद बताता है।
ASI के द्वारा 7 अप्रैल 2003 को जारी एक आदेश के तहत हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति दी गई है, जबकि मुस्लिम समुदाय को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है।
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