धार। राकेश साहू (वरिष्ठ पत्रकार धार) – पत्रकारों पर आरोप प्रत्यारोप लगना या झूठे प्रकरण दर्ज होना कोई बड़ी बात नहीं है। यह धार जिला है साहब यहां लोग पत्रकारों पर हमले भी कर चुके है। कुछ दिन पूर्व उमरबन मनावर के आसपास एक पत्रकार पर जानलेवा हमला हुआ था, हालांकि अभी तक हमलावरों पर कोई कठोर कार्यवाही नहीं हुई है।
सबसे बड़ी बात यह है कि जब पत्रकार किसी के गलत कारनामों के बारे में खबरें प्रकाशित करता है, तब उस पर दबाव बनाने के लिए इन फर्जी कार्य करने वाले व्यक्तियों द्वारा थाने में झूंटे आवेदन दिए जाकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने के प्रयास किया जाता हैं, यह सरासर गलत है। पुलिस प्रशासन भी इस प्रकार की कार्यवाही से अनभिज्ञ नहीं है।
एक ताजे मामले में धार के वरिष्ठ पत्रकार, मध्य भारत लाइव न्यूज़ के संचालक एवं संपादक ओर भारतीय पत्रकार संघ के प्रदेश महासचिव कमलगिरी गोस्वामी के ऊपर धार के डॉक्टर नीरज बागडे एवं उनके भाई अभिमन्यु बागडे द्वारा जो झूठे आरोप लगाकर एक आवेदन थाने पर दिया गया है।
अब पुलिस को संबंधित व्यक्ति पर लगाए गए आरोपों से संबंधित समस्त प्रकार के सबूत मांगना चाहिए और जब संबंधित व्यक्ति द्वारा साक्ष प्रस्तुत न किया जाए, उस अवस्था में संबंधित के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि आने वाले भविष्य में किसी भी ऐसे व्यक्ति द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज दबाने की हिम्मत ना हो।
इस घटना से पत्रकार जगत आहत हुआ है ओर जिला पुलिस अधीक्षक से शिकायत की गई है।
अब देखना यह होगा कि पत्रकार पर लगाए गए झूठे आरोपों के संबंध में पुलिस इन झूठे शिकायतकर्ता पर क्या कार्रवाई करती है या फिर हमेशा की तरह पत्रकारों पर झूठे प्रकरण दर्ज होते हैं।
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