madhyabharatlive

Sach Ke Sath

Increasing fees arbitrarily every year is a legal offense: Collector

Increasing fees arbitrarily every year is a legal offense: Collector

हर साल मनमाने तरीके से फीस बढ़ाना कानूनन अपराध: कलेक्टर

कलेक्टर सभाकक्ष में मध्यप्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम 2018 एवं नियम 2020 के प्रावधानों के संबंध में बैठक का आयोजन हुआ। 

अलीराजपुर। (अनुराग जैन) कलेक्टर डॉ अभय अरविंद बेडेकर की अध्यक्षता में कलेक्टर सभाकक्ष में मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2018 एवं नियम 2020 के प्रावधानों के संबंध में बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी अर्जुन सोलंकी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक एवं जिले के समस्त शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।

हर साल मनमाने तरीके से फीस बढ़ाना कानूनन अपराध —

कलेक्टर डॉ बेडेकर ने बताया की स्कूल द्वारा फीस बढ़ाने के नियम शासन द्वारा निर्धारित किए गए है। मनमानी फीस बढ़ाने पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा की समस्त प्राचार्य विद्यार्थियों को गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने पर फोकस करें एवं बस्ते के वजन को कम करने के भी प्रयास करे। उन्होंने कहा कि हर साल मनमाने तरीके से फीस बढ़ाना, गणवेश बदलना, सिलेबस बदलना एवं एक निर्धारित फर्म/दुकान से किताबें आदि खरीदने के निर्देश देना कानूनन अपराध है। इस प्रकार की गतिविधि पाए जाने पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

कलेक्टर डॉ बेडेकर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए विशेष दल बनाकर जांच वाहन फिटनेस, बिल्डिंग फिटनेस, फीस स्ट्रक्चर, खेल के मैदान की स्थिति, मान्यता प्राप्ति के लिए आवश्यक शर्त अनुपालन हो रहा या नही की जांच कर एक हफ्ते में प्रतिवेदन जिला मुख्यालय को दिया जाए।

जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक चौधरी ने बताया की dpimp पोर्टल पर 2023-24 एवं 2024-25 वर्ष के फीस स्ट्रक्चर एवं 2020 से 2023 तक के ऑडिट अकाउंट की जानकारी 8 जून तक जमा की जाए , अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।

पैसा कमाना एक बाय प्रोडक्ट हो सकता है परंतु शिक्षा का अंतिम लक्ष्य समाज कल्याण है: कलेक्टर डॉ बेडेकर। 

कलेक्टर डॉ बेडेकर ने कहा की शिक्षा एक नोबल पेशा माना जाता है, स्कूल प्राचार्य इनके संचालन के दौरान मानव मूल्यों पर ध्यान दे, पैसा कमाना एक बाय प्रोडक्ट हो सकता है परंतु शिक्षा का अंतिम लक्ष्य समाज कल्याण है, इस उद्देश्य का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा की कोई भी विद्यालय अच्छी बिल्डिंग, अच्छी गणवेश से नही जाना जाता, वह जाना जाता है अपने शिक्षा के स्तर एवं शिक्षकों के व्यवहार से। इसलिए इस बात का ध्यान रखें।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

Discover more from madhyabharatlive

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading