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The maternal uncle did the scandal, life imprisonment in the case of rape

The maternal uncle did the scandal, life imprisonment in the case of rape

मुंह बोले मामा ने किया कांड, बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास

थाना सेक्टर 01 पीथमपुर के अपराध में आरोपी मुह बोले मामा को न्यायालय द्वारा ताउम्र आजीवन कारावास। 

जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध को रेकार्ड अवधि में निराकरण कर न्यायालय द्वारा आरोपी को कडी सजा दिलवाई। 

धार। पुलिस थाना सेक्टर 01 पीथमपुर पर फरियादिया के द्वारा दिनांक 27.03.2023 को थाना उपस्थित होकर सूचना दी कि उसकी 06 वर्षीय नाबालिक पुत्री के साथ मुह बोला मामा बनकर बलात्कार किया गया। फरियादिया की रिपोर्ट पर से थाना सेक्टर 01 पीथमपुर पर अपराध क्र. 186/2023 धारा 363, 376(ए).(बी), 376(3) भा.द.वि. व 5 (एम), 5 (एन), 6 पाक्सो एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

प्रकरण की गंभीरता को देखते एक मासूम बालिका के साथ 27 वर्षीय युवक द्वारा कारित की गयी घटना को देखते हुऐ टीम गठित कर कार्यवाही हेतु लगाया गया।

उक्त टीम के द्वारा तत्काल आरोपी निलेश पिता ओमप्रकाश उर्फ खुशहाल पंवार उम्र 27 साल निवासी ग्राम बांडीखाली पीथमपुर जिला धार को गिरफ्तार किया जाकर पीडिता व आरोपी का मेडिकल परीक्षण कराया गया। तथा उससे सम्बंधित डी.एन.ए. प्रक्रिया पूर्ण की गयी ।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुऐ प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज होने से पाक्सो न्यायालय में लगभग एक माह में विवेचना सम्बंधी सम्पर्ण प्रक्रिया पूर्ण कर चालानी कार्यवाही की जाकर प्रकरण फास्ट ट्रेक न्यायालय में चलाकर गवाह नियंत्रण अधिकारी उप निरी. ज्योति पटेल द्वारा मात्र 03 माह में समस्त साक्षियों के कथन करवाकर प्रकरण की सुनवाई प्रक्रिया पूर्ण करवायी।

इस प्रकार उक्त सनसनीखेज अपराध में आरोपी निलेश पिता ओमप्रकाश उर्फ खुशहाल पंवार उम्र 27 साल निवासी ग्राम बांडीखाली पीथमपुर जिला धार को माननीय विशेष न्यायालय पंचम अपर सत्र न्यायाधीश(पाक्सो अधि.) पंकज माहेश्वरी सा. द्वारा आज दिनांक 13.07.2023 को धारा 363 भा.द.वि. में 05 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रुपये अर्थ दण्ड अर्थदण्ड न देने की दशा में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास तथा 5(एम) /06 पाक्सो एक्ट में शेष प्राकृत जीवनकाल के लिये आजीवन कारावास व 4000-/- रुपये के अर्थदण्ड व अर्थदण्ड न देने की दशा में एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया।

पीडिता को शासन की और से 6,00,000-/- रुपये की प्रतिकर राशि की सहायता दी गयी। प्रकरण की पैरवी ए.डी.पी.ओ. आरती अग्रवाल एवं विवेचना उप निरी. ज्योति पटेल ने की, दोनो अधिकारी का सराहनीय कार्य रहा।

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