नोटों के दम पर संचालित होती झोलाछापों डॉक्टरों की अवैध दुकाने !
बीएमओ के आदेश के आगे मुख्यमंत्री के आदेश फ़िके !!
आए दिन नए-नए क्लिनिक संचालित होते हैं नजर आते हैं !!!
स्वास्थ्य विभाग के नाक के नीचे खुलेआम चल रहा है झोलाछाप डॉक्टरों का अवैध धंधा !!!!
धार। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर कुकुरमुत्ते की तरह फैल चुके हैं। हर 5 किलोमीटर की दूरी पर एक-दो झोलाछाप डॉक्टर अपने तामझाम के साथ क्लिनिक संचालित करते आसानी दिखाई दे सकते है।
हर मर्ज का इलाज करते है, ये बिना डिग्री डॉक्टर …
झोलाछाप डॉक्टरों के पास हर मर्ज का इलाज मौजूद होता है। यह झोलाछाप छोटी बीमारी से लेकर गंभीर बीमारी तक का इलाज करते हैं। जिसके कारण ग्रामीण मरीज इनके चंगुल में आकर अपना इलाज इनके पास कराते है। यह झोलामप डॉक्टर मरीज को जल्दी ठीक करने के लिए हाई डोस दवाइयां देते हैं। जिसके कारण कई बार मरीजों की जान पर बन आती है। इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास उपचार संबधी ना तो कोई योग्यता होती है ना ही कोई डिग्री। फिर भी ये बिना विधी के डॉक्टर मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ते है।
प्राथमिक स्वास्थ केंद्र और खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर ही लगा डेरा —
नालछा ब्लॉक के प्राथमिक स्थास्थ्य केंद्र और खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर मांडव धार मुख्य मार्ग पर ही झोलाछाप डॉक्टर अपना क्लिनिक संचालित कर रहे है। मांडव पर्यटन नगरी होने के कारन आए दिन इस मार्ग से मंत्रियों से लेकर बड़े-बड़े अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन इन्हें इनका भी भय नहीं है।
वहीं नालछा विकासखंड मुख्यालय होने के कारण खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय और प्राथमिक चिकित्सालय भी इसी मार्ग पर है, जिसके कारण खंड चिकित्सा अधिकारी का भी प्रतिदिन इसी मार्ग से आना जाना होता है, फिर भी इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही नहीं होना सवाल पैदा करता है।
नालछा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कई गांवों में 100 से अधिक झोलाछाप डॉक्टर लंबे समय से अपना क्लीनिक संचालित कर ग्रामीण मरीजों का उपचार कर मोटी रकम ऐठने का काम कर रहे है, कई बार इनके किए गए उपचार के कारण मरीज का स्वस्थ ठीक होने की वजह और बिगड़ जाता है।
झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई का इंतजार —
खंड चिकित्सा अधिकारी को पूरी जानकारी फिर भी ठोस कार्रवाई नहीं ? आखिर क्यों ??
ग्रामीणों की मांग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हो नालछा का स्वास्थ केंद्र…
नालछा ब्लॉक मुख्यालय होने के कारण क्षेत्र के कई गांव इससे जुड़े हुए है, ऐसे में यहां पर मरीजों की संख्या भी ज्यादा होती है। प्राथमिक स्वास्थ्य होने के कारण यहां पर प्राथमिक स्तर का उपचार उपलब्ध हो पाता है, मरीज की थोड़ी गंभीर स्थिति होने पर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया जाता है। इस कारण मरीज के परिजन और मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि नालछा स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हो जाए तो स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी सुधार होगा।
आखिर कब तक यह झोलाछाप डॉक्टर गरीब जनता की जान को खिलौना समझ कर खेलते रहेंगे…?
क्या कहते हैं जिम्मेदार ??
सतत कार्यवाही हो रही BMO …
जो भी झोलाछाप डाक्टरों के क्लीनिक क्षेत्र में संचालित हो रहे है उनके ऊपर हमारे द्वारा सतत कार्रवाई की जा रही है और ऐसे जो भी क्लीनिक नालछा एवं क्षेत्र में संचालित हो रहे है उन पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर – जोगेंद्रसिंह डावर।
संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी
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