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दिव्यांग जन मोटराइज्ड ट्राइसिकल पाकर खुश हुए।

धार। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में धार में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर दिव्यांग जनों के जीवन को सरल और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 108 मोटराइज्ड ट्राइसिकल का वितरण किया गया। यह ट्राइसिकल आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है और दिव्यांग व्यक्तियों को स्वतंत्रता और गतिशीलता प्रदान करती है। इस पहल ने उनके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह भर दिया है।
कार्यक्रम के दौरान, जब लाभार्थियों ने मोटराइज्ड ट्राइसिकल प्राप्त की, तो उनके चेहरे पर मुस्कान देखने लायक थी। यह ट्राइसिकल न केवल उनके आवागमन को सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि उनके कार्यक्षेत्र और रोजमर्रा की गतिविधियों को भी सहज बनाएगी।

स्वतंत्रता का अनुभव —

मोटराइज्ड ट्राइसिकल पाकर लाभार्थी बेहद उत्साहित नजर आए। लाभार्थी प्रेमचन्द हों या देवी सिंह अथवा श्रीमती संगीता, कोई व्यवसाय करता है कोई नौकरी सभी ने कहा, “पहले हर जगह जाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था। अब इस ट्राइसिकल के माध्यम से मैं खुद से व्यवसाय और नौकरी कर पाएँगे। ये हमारे लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है, साथ ही हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है।

तकनीक और सुविधा का संगम —

मोटराइज्ड ट्राइसिकल आधुनिक बैटरी तकनीक और आरामदायक डिजाइन से लैस है। इसे दिव्यांग व्यक्तियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह वाहन लंबी दूरी तय करने में सक्षम है और ऊर्जा दक्षता के मामले में भी बेहतर है।

सशक्तिकरण की ओर कदम —

इस पहल को प्रशासन और भारतीय कृत्रिम अंग उपकरण निर्माण निगम लिमिटेड कानपुर शाखा उज्जैन ने मिलकर अंजाम दिया। यह ट्राइसिकल न केवल दिव्यांग जनों को सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें समाज में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएगी।

आत्मसम्मान और आत्मविश्वास का संचार —

दिव्यांग जनों ने इस पहल के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह ट्राइसिकल उनकी जिंदगी को एक नई दिशा देगी। उनके आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता में वृद्धि होगी, और वे समाज में अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभा सकेंगे।

शासन प्रशासन का ये कदम किस तरह समाज के उपेक्षित वर्गों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं लाभार्थियों से चर्चा करने में स्पष्ट परिलक्षित हो रहा था। मोटराइज्ड ट्राइसिकल केवल एक साधन नहीं है, यह दिव्यांग जनों के जीवन में स्वतंत्रता और संभावनाओं के नए द्वार खोलने का प्रतीक है।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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