शराब माफियाओं के हौसले बुलंद, जिले में इतने बड़े आबकारी विभाग के होने के बावजूद भी शराब माफिया उड़ा रहे हैं नियमों की धज्जियां।
धार। जहां एक और मध्य प्रदेश शासन ने शराब नीति में संशोधन करते हुए सभी शराब दुकानों से अहातो को बंद करवा दिया गया है, वहीं शराब दुकान के 200 मीटर के दायरे में शराब पीना भी प्रतिबंधित कर दिया गया हे।
बावजूद इसके जिले की बदनावर तहसील अंतर्गत बिड़वाल नगर की शराब दुकानों के आसपास शराब का सेवन करते हुए शराबियों को आसानी से देखा जा सकता हैं।

ग्रामीणों में डायरी बनाकर देते हे शराब बेचने का लाइसेंस —
इतना ही नहीं बिडवाल में शराब ठेकेदार सभी नियमों को ताक पर रख कार्य करते हैं। बिडवाल शराब ठेकेदार अपनी दुकान से गाड़ियों में भर-भर कर शराब ग्रामीण अंचलों में सप्लाई करते हैं। इन्होंने स्वयं ही ग्रामीणों में डायरी बनाकर ठेके देना प्रारंभ कर दीए है। डायरी के आधार पर यह ग्रामीणों को शराब बेचने का लाइसेंस देते हैं। जिससे ग्रामीण वहां पर आसपास के क्षेत्र में बेरोकटोक शराब बेचते हैं।
विभाग की मिलीभगत से होते हे सारे काम —
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शराब ठेकेदार इस प्रकार के सब ठेके चलाने के ऐवज में आबकारी सर्कल इंस्पेक्टर को भी एक बड़ा हिस्सा प्रदाय करते हैं, या यूं कहे की आबकारी विभाग की मिलीभगत से शराब ठेकेदार ग्रामीण अंचलों में शराब खोरी कर रहे है।

नाबालिक बच्चों से शराब वाहनों में रखवाई जाती —
इतना ही नहीं शराब ठेकेदारों ने बाल संरक्षण अधिनियम को भी ताक पर रख दिया है। नाबालिक बच्चों से शराब वाहनों में रखवाई जाती है और इस शराब को जब ग्रामीण अंचलो में भेजी जाती है तब नाबालिक बच्चों के द्वारा शराब को गाड़ी से दुकानों तक कंधे पर रखकर पहुंचाई जाती है।
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